राजस्थान युवा संघ की स्थापना 1992 में सूरत में हुई, जिसमें युवाओं ने मरू संस्कृति, लोक कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “फागोत्सव” से शुरुआत की। अपने “एक बनेंगे – नेक बनेंगे” आदर्श वाक्य के साथ संस्था आज सांस्कृतिक, सामाजिक और जाति‑पंथ‑भाषा से ऊपर उठकर समाज में एकता और सेवा का संदेश फैलाती है
यहाँ हम समर्थन, सहयोग और विकास के लिए तत्पर हैं। किसी भी प्रकार की पूछताछ, सुझाव या साझेदारी के लिए हमसे बेझिझक संपर्क करें। हमारी टीम शीघ्र ही उत्तर देगी।
श्री भरत गढ़वी श्री प्रवीण मेवाड़ा श्री अखिलेश पारीक श्री भूपसिंह बेनीवाल
श्री श्याम जोन
श्री संजय बोथरा श्री बसंत खेतान श्री नरेन्द्रसिंह दहिया श्री चैनसुख बिश्नोई
माँ तापी जोन
श्री बजरंगसिंह थोब श्री रमेश चौधरी श्री मुकेश कुमावत श्री रघुवीरसिंह चुण्डावत
अलखधाम जोन
श्री दीपक शर्मा श्री महावीरसिंह पूनिया श्री गायड़सिंह चुण्डावत श्री मनोहर जैन
विजन (Vision)
जाति, पंथ प्रांत भाषा संस्कृति की विशिष्टताओं में समन्वय बनाकर समाज में समानता का भाव प्रगाढ़ हो । संस्था द्वारा सांस्कृतिक एवं पारंपरिक मूल्यों का समन्वय हो जो समग्र समाज के लिए पथ प्रदर्शक बने ।
मिशन (Mission)
समाज को एकता के सूत्र में पिरोकर मूलभूत सुविधाएं जैसे सामाजिक सेवा, मानव सेवा, हॉस्पिटल संचालन, गौ सेवा, जीवदया, सांस्कृतिक प्रचार-प्रसार के साथ-साथ वचिंत वर्ग को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्र की उन्नति के लिए कार्य करना।